Haridev joshi biography examples
3 बार सीएम, 3 बार बने राज्यपाल, दुर्भाग्य ने नहीं छोड़ा हरिदेव जोशी का साथ, दिलचस्प है कहानी
Rajasthan News: देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब मुख्यमंत्री के दावेदारों को लेकर भी विभिन्न राजनीतिक दलों में विचार विमर्श तेज हो गया है.
राजस्थान में दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा ने इस चुनाव में सीएम पद को लेकर कोई चेहरा उजागर नहीं किया है,
वैसे तो सीएम का कार्यकाल 5 साल का होता है, पर कई बार अलग-अलग वजहों से कुछ मुख्यमंत्री इस कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाते.
इसी संदर्भ में हम बात कर रहे हैं राजस्थान के पूर्व सीएम हरिदेव जोशी की. दिलचस्प बात यह है कि लगातार 10 बार तीन अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हरिदेव जोशी तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक बार भी मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.
उनके नाम तीन बार सीएम पद का शपथ लेने का रिकॉर्ड है. इतना ही नहीं, उनके नाम तीन राज्यों क्रमशः असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड दर्ज है, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि वो किसी का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
तीन बार बनें सीएम और राज्यपाल
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने अपना पहला चुनाव 1952 में डूंगरपुर से लड़ा था और उसके बाद बांसवाड़ा जिले के घाटोल विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए.
Gina mellotte biography1967 के बाद से पूर्व सीएम ने बांसवाड़ा सीट से चुनाव लड़ा. उनके नाम प्रदेश में सबसे अधिक बार 10 बार विधायक बनने का रिकार्ड है.
पूर्व सीएम हरिदेव जोशी के नाम सबसे अधिक बार 10 बार विधायक बनने का रिकार्ड है. उनके नाम तीन बार सीएम पद का शपथ लेने का रिकॉर्ड है. इतना ही नहीं, उनके नाम तीन राज्यों क्रमशः असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने का रिकॉर्ड दर्ज है, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि वो किसी का भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
हरिदेव जोशी का राजनीतिक सफर
पूर्व सीएम हरिदेव जोशी पहली बार 11 अगस्त 1973 से 29 सितम्बर 1977 तक सीएम रहे.
दूसरी बार 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक सीएम पद पर रहे. 4 दिसंबर 1989 से लेकर 4 मार्च 1990 तक हरिदेव जोशी पर फिर सीएम पद आसीन हुए.
Richard glover biographyदिलचस्प बात यह है कि हरिदेव जोशी इस दौरान 10 मई 1989 से 21 जुलाई 1989 तक असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी नियुक्त किए गए थे
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